राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पोर्ट लुइस, मॉरीशस में विश्व हिंदी सचिवालय भवन का उद्घाटन किया। उन्होंने सचिवालय का लोगो, एक अर्ली डिजिटल लर्निंग प्रोग्राम भी शुरू किया, साथ ही साथ सामाजिक आवास परियोजना की नींव की नींव और भारतीय सहायता के साथ बड़े ENT अस्पताल का निर्माण किया।
राष्ट्रपति कोविन्द ने अपने दो राष्ट्रीय राज्य यात्रा (मॉरीशस और मैडागास्कर) के पहले चरण के हिस्से के रूप में मॉरीशस का दौरा किया। बाद में वह मेडागास्कर का दौरा करेंगे, जिससे वह सबसे पहले अफ्रीकी द्वीप देश की यात्रा करने वाले पहले भारतीय राष्ट्रपति बने।
विश्व हिंदी सचिवालय
सचिवालय पूरी तरह से भारत सरकार द्वारा वित्तपोषित है और रुपये का अनुदान प्रदान किया है। 33 करोड़ इसके लिए भूमि मॉरीशस सरकार द्वारा दी गई थी। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में अपनी यात्रा के दौरान इस इमारत का आधारशिला रखी थी।
सचिवालय का उद्देश्य दुनिया के सामने जनभाषा, आम आदमी की भाषा के रूप में हिंदी को प्रस्तुत करना है। हिंदी के रूप में भाषा ने भारत और मॉरीशस दोनों में संस्कृति और समाज के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मॉरीशस में भारतीय डायस्पोरा ने हिंदी के प्रसार में बड़ी भूमिका निभाई है
- भारत के राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने 13 मार्च, 2018 को मॉरीशस की राजधानी पोर्ट लुइस में विश्व हिंदी सचिवालय का उद्घाटन किया।
- इस सचिवालय भवन की नींव प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2015 में डाली थी।
- यह सचिवालय भारत सरकार द्वारा पूर्णतः वित्त पोषित है और इसके लिए 33 करोड़ रुपये का अनुदान उपलब्ध कराया गया था।
- विश्व हिंदी सचिवालय के महासचिव विनोद कुमार मिश्रा के अनुसार इस सचिवालय भवन के लिए जमीन मॉरीशस सरकार ने दी है।
- इस विश्व हिंदी सचिवालय का लक्ष्य विश्व के समक्ष हिंदी को ‘जनभाषा’ बनाना है।
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