केंद्रीय रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में रक्षा अधिग्रहण परिषद (DAC) ने रक्षा खरीद प्रक्रिया (DPP) को सरल बनाने के लिए विभिन्न उपायों को मंजूरी दे दी है। DAC भारतीय सशस्त्र बलों (सेना, नौसेना और वायुसेना) की पूंजी खरीद पर रक्षा मंत्रालय का सर्वोच्च निर्णय लेने वाला निकाय है।
मुख्य तथ्य
इन उपायों को DPP-16 में मैनुअल शासी रक्षा खरीद प्रक्रिया में शामिल किया जाएगा। परिवर्तनों में रक्षा और सेवा मुख्यालय मंत्रालय, दोहराव प्रक्रियाओं को हटाने, क्रमिक चरण मंजूरी के बजाय अधिग्रहण प्रक्रिया के समवर्ती चलन, संशोधित वित्तीय दिशानिर्देशों के साथ विभिन्न दस्तावेजों के संरेखण, दूसरों के बीच शक्तियों का वितरण शामिल है।
टिप्पणी
ये संशोधन सशस्त्र बलों की रक्षा पूंजी खरीद में चल रही व्यावसायिक प्रक्रिया पुन: इंजीनियरिंग का हिस्सा हैं। यह DPP को व्यवस्थित करने और समय सीमा को कम करने के लिए रक्षा मंत्रालय के प्रयासों की निरंतरता के अनुरूप है ताकि सशस्त्र बलों को उपकरण की समय पर डिलीवरी सुनिश्चित हो सके। इन उपायों से खरीद प्रक्रियाओं को कम करने के अलावा अनुचित प्रक्रियात्मक देरी और जल्दबाजी की गतिविधियों को भी रोक दिया जाएगा।
पृष्ठभूमि
केंद्र सरकार ने अब तक सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण के अपने प्रयासों के तहत 135 प्रस्तावों के करीब 4 लाख करोड़ रुपये की सैन्य खरीद के प्रस्तावों को मंजूरी दे दी है। लेकिन सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण की गति में बाधा डालने की प्रक्रिया में देरी के चलते इन प्रस्तावों में से अधिकांश अभी तक लागू नहीं किए जा रहे हैं।
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