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कंप्यूटर भाषा क्या हैं? और उसके प्रकार

कंप्यूटर भाषा क्या हैं? और उसके प्रकार कम्प्यूटर हमारी सामान्य बोलचाल की भाषाओं में लिखे गए प्रोग्रामों को नहीं समझ सकता, जिस कारण प्रोग्राम विशेष प्रकार की भाषाओं में लिखे जाते हैं। इन भाषाओं को प्रोग्रामिंग भाषाएँ (Programming Languages) कहा जाता है। कम्प्यूटर की भाषाओं को मुख्य रूप से दो वर्गों में विभाजित किया जा सकता है, जो निम्न प्रकार हैं

  • निम्नस्तरीय भाषा
  • उच्चस्तरीय भाषाएँ

निम्नस्तरीय भाषाएँ ये दो प्रकार की होती है दाहरण मशीनी भाषा तथा असेम्बली भाषा

(1) मशीनी भाषा (Machine Language)

मशीनी भाषा वह भाषा है, जिसे कम्प्यूटर समझ सकता है। प्रत्येक प्रत्येक कम्प्यूटर के लिए उसकी अलग मशीनी भाषा होती है। मशीनी भाषा का प्रयोग प्रथम पीढ़ी के कम्प्यूटर में किया जाता था तथा इनमें त्रुटियों का पता लगाना एवं उन्हें ठीक करना लगभग असम्भव होता है। इस भाषा में प्रत्येक आदेश के दो भाग होते हैं आदेश कोड (Operational Code) तथा स्थिति कोड (Location Code)। इन दोनों को 0 व 1 के क्रम में समूहित कर व्यक्त किया जाता है।

(2) असेम्बली भाषा (Assembly Language)

कम्प्यूटर में मशीनी भाषा की जटिलता को दूर करने के लिए ऐसे कोडों का प्रयोग किया गया, जिन्हें मनुष्य आसानी से मैमोरी में रख सकता था। इस कोड को नेमोनिक कोड (Mnemonic Code) कहा गया। असेम्बली भाषाओं का प्रयोग एक निश्चित संरचना वाले कम्प्यूटर तक ही सीमित था। अत: इन भाषाओं को निम्नस्तरीय भाषा कहा गया।

 उच्चस्तरीय भाषाएँ

उच्चस्तरीय भाषाओं (High Level Languages) के आविष्कार की दिशा में पहला कदम वर्ष 1957 में आई बी एम (IBM) कम्पनी ने उठाया और इस प्रयास के फलस्वरूप फोरट्रॉन (FORTRAN) नामक पहली उच्च स्तरीय भाषा सामने आई, इसके बाद कम्प्यूटर की सैकड़ों उच्चस्तरीय भाषाओं का विकास हुआ। ये भाषाएँ मनुष्य के बोलचाल और लिखने में प्रयुक्त होने वाली भाषाओं के काफी करीब हैं। इन भाषाओं को कोई भी साक्षर व्यक्ति आसानी से सीख सकता है। दूसरी विशेषता यह है कि यह विभिन्न संरचना वाले कम्प्यूटरों में प्रयोग की जा सकती हैं, क्योंकि इनमें अंग्रेजी के वर्ण (Character) तथा इण्डो-अरेबियन (Indo-Arabian) अंकों का समान रूप से प्रयोग किया जाता है।

कुछ प्रमुख उच्चस्तरीय भाषाएँ निम्न हैं

(i) फोरट्रॉन (FORTRAN)

कम्प्यूटर की इस भाषा का विकास वर्ष 1957 में जे डब्ल्यू बैकस (J.W. Backus) ने किया था। यह अंग्रेजी शब्दों-फॉर्मूला एवं ट्रांसलेशन का संक्षिप्त रूप है। इस भाषा का विकास आई बी एम के सौजन्य से गणितीय सूत्रों को आसानी से और कम समय में हल करने के लिए किया गया था।

(ii) लिस्प (Lisp)

इसका आविष्कार वर्ष 1958 में John McCarthy द्वारा किया गया था। यह भाषा एक अनुवादक भाषा है, जिसमें बेसिक भाषा के गुण भी विद्यमान हैं। यह कृत्रिम बुद्धि कार्यों के लिए एक उपयुक्त भाषा है।

(iii) अल्गोल (ALGOL)

यह अंग्रेजी के एल्गोरिथमिक लैंग्वेज (Algorithmic Language) का संक्षिप्त रूप है, इसका निर्माण वर्ष 1958 में जटिल बीजगणित गणनाओं के लिए किया गया था। इस भाषा के अनुप्रयोग से कम्प्यूटर द्वारा समस्याओं को एल्गोरिथ्म का उपयोग कर तार्किक समाधान किया जाता है।

(iv) कोबोल (COBOL)

इसका विकास वर्ष 1959 में ग्रेस हॉपर (Grace Hopper) ने किया था। इस भाषा का विकास व्यावसायिक हितों के लिए किया गया था।

(v) पास्कल (Pascal)

यह एक प्रोसीजरल (Procedural) प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है जिसे है Niklaus Wirth द्वारा 1968 में विकसित तथा 1970 में प्रकाशित किया गया। यह अल्गोल का परिवर्द्धित रूप है, जिसमें संरचनात्मक प्रोग्रामिंग की क्षमता विद्यमान है, इस भाषा में सभी चरों को परिभाषित किया गया है, जिसके कारण यह बेसिक तथा अल्गोल से भिन्न है। इस भाषा का प्रयोग माइक्रो कम्प्यूटरों में विशेष रूप से किया जाता है।

(vi) प्रोलॉग (Prolog)

इस भाषा का विकास कृत्रिम बुद्धि (Artificial Intelligence) में प्रयोग होने वाले कार्यों को पूर्ण करने के लिए किया गया है, जो तार्किक प्रोग्रामिंग में सक्षम है। इसका विकास 1972 में अलाइन कॉलमेर (Alain Colmerauer) द्वारा किया गया था। प्रोलॉग वास्तव में प्रोग्रामिंग इन लॉजिक (Programming in Logic) का संक्षिप्त रूप है। यह सबसे पहली लॉजिक प्रोग्रामिंग भाषा है।

(vii) सी (C)

इस भाषा को डेनिस रिचि (Dennis Ritchie) ने वर्ष 1972 में विकसित किया था। छोटे संगणकों में यूनिक्स ऑपरेटिंग सिस्टम और सी प्रोग्रामिंग भाषा का एक साथ प्रयोग हुआ अर्थात् सी एक प्रोग्रामिंग भाषा है और इस भाषा के प्रयोग से प्रायोगिक प्रोग्राम का भी निर्माण किया जा सकता है।

(viii) सी ++ (C++)

यह एक ऑब्जेक्ट ओरिएण्टेड प्रोग्रामिंग भाषा है, जो सी भाषा पर आधारित है। इसका विकास Bjarne Stroustrup द्वारा अमेरिका की बेल लेबोरेट्रीज में वर्ष 1983 में किया गया था। इसका प्रयोग प्रायः यूजर इण्टरफेस (User Interface) आधारित प्रोग्राम तैयार करने के लिए किया जाता है।

(ix) स्नोबोल (SNOBOL)

यह स्ट्रिंग ओरिएण्टेड एण्ड सिम्बोलिक लैंग्वेज (String Oriented and Symbolic Language) का संक्षिप्त रूप है। इसका आविष्कार 1962 में राल्फ ई ग्रिसवोल्ड (Ralph E. Griswold) द्वारा किया गया था। यह भी एक प्रोग्रामिंग भाषा है और इसके द्वारा शब्दावलियों, सन्देशों और नमूनों का निर्माण स्नोबोल किया जाता है।

(x) जावा (Java)

यह एक उच्चस्तरीय प्रोग्रामिंग भाषा है जिसे जेम्स गोसलिंग (James Gosling) ने सन माइक्रोसिस्टम में वर्ष 1995 में विकसित किया इसका मुख्य रूप से इंटरनेट आधारित प्रोग्रामिंग के क्षेत्र में उपयोग किया जाता है।

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