You are here
Home > Computer > सॉफ्टवेयर (What Is Software) किसे कहते हैं

सॉफ्टवेयर (What Is Software) किसे कहते हैं

सॉफ्टवेयर (What Is Software) किसे कहते हैं कम्प्यूटर में प्रयोग होने वाले सभी यान्त्रिक, इलेक्ट्रॉनिक तथा वैद्युत के वे भाग, जिन्हें हम आँखों से देख तो सकते हैं, परन्तु छू नहीं सकते, सॉफ्टवेयर (Software) कहलाते हैं। कम्प्यूटरों में सैकड़ों की संख्या में प्रोग्राम होते हैं, जो अलग-अलग कार्यों के लिए लिखे या बनाए जाते हैं। इन सभी प्रोग्रामों के समूह को सम्मिलित रूप से ‘सॉफ्टवेयर’ कहा जाता है। सॉफ्टवेयर को उसके कार्यों तथा संरचना के आधार पर निम्नलिखित भागों में विभाजित किया जाता है-

1. सिस्टम सॉफ्टवेयर

ये प्रोग्राम कम्प्यूटर को चलाने, उसे नियन्त्रित करने, उसके विभिन्न भागों की देखभाल करने तथा उसकी सभी क्षमताओं का अच्छे से अच्छा उपयोग करने के लिए लिखे जाते हैं, इनको सम्मिलित रूप से सिस्टम सॉफ्टवेयर (System Software) कहते हैं। इनमें निम्नलिखित प्रोग्राम शामिल हैं-

  • ऑपरेटिंग सिस्टम (Operating System)
  • यूटिलिटी सॉफ्टवेयर (Utility Software)
  • एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर (General Purpose Software)

ऑपरेटिंग सिस्टम (Operating System)

यह एक ऐसा सॉफ्टवेयर है, जो यूजर व कम्प्यूटर हार्डवेयर के मध्य एक इण्टरफेस का कार्य करता है। यह एक साधन प्रबन्धक होता है, जो यह सुनिश्चित करता है कि समस्त हार्डवेयर साधनों की क्षमता का पर्याप्त उपयोग हो। ऑपरेटिंग सिस्टम के कुछ मुख्य उदाहरण हैं—एण्ड्रॉएड (Android), BSD, ios, Linux, Mac OS X, माइक्रोसॉफ्ट विण्डोज, विण्डोज फोन एवं IBM Z/OS आदि।

(ii) डिवाइस ड्राइवर (Device Driver)

कम्प्यूटर यह एक ) प्रचालन (Operation) को समझाता है। ये सॉफ्टवेयर किसी डिवाइस तथा उपयोगकर्ता के मध्य इण्टरफेस (Interface) का कार्य करते हैं। दूसरे शब्दो में, डिवाइस ड्राइवर्स निर्देशों का ऐसा समूह होता है, जो हमारे कम्प्यूटर का परिचय इससे जुड़ने वाले हार्डवेयर्स से करवाते है। किसी भी डिवाइस को सुचारु रूप से चलाने के लिए चाहे वो प्रिण्टर, माउस, मॉनीटर या कीबोर्ड ही हो, उसके साथ एक डाइवर प्रोग्राम जुड़ा होता है। यह ऑपरेटिंग सिस्टम के निर्देशों (Commands) को के विभिन्न भागों के लिए उनकी भाषा में परिवर्तित करता है।

(ii) भाषा अनुवादक मादक (Language Translator)

ये प्रोग्राम हैं, जो विभिन्न प्रोग्रामिंग भाषाओं में लिखे गए प्रोग्रामों का अनुवाद कम्प्यूटर की मशीनी भाषा में करते हैं। अनुवाद कराना इसलिए आवश्यक होता है, क्योंकि कम्प्यूटर केवल मशीनी भाषा में लिखे हुए प्रोग्राम का ही पालन कर सकता है। भाषा अनुवादकों को मुख्यत: तीन श्रेणियों में बाँटा जाता है

  • असेम्बलर (Assembler) यह एक ऐसा प्रोग्राम होता है, जो असेम्बली भाषा में लिखे गए प्रोग्राम का अनुवाद मशीनी भाषा में करता है।
  • कम्पाइलर (Compiler) यह एक ऐसा प्रोग्राम होता है, जो किसी प्रोग्रामर द्वारा उच्चस्तरीय प्रोग्रामिंग भाषा में लिखे गए सोर्स प्रोग्राम का अनुवाद मशीनी भाषा में करता है। प्रत्येक उच्चस्तरीय भाषा के लिए एक अलग कम्पाइलर की आवश्यकता होती है।
  • इण्टरप्रेटर (Interpreter) यह भी किसी प्रोग्रामर द्वारा उच्चस्तरीय प्रोग्रामिंग भाषा में लिखे गए सोर्स प्रोग्राम का अनुवाद मशीनी भाषा में करता है, परन्तु यह एक बार में सोर्स प्रोग्राम की केवल एक ही लाइन का मशीनी भाषा में अनुवाद करता है।

2. यूटिलिटी सॉफ्टवेयर (Utility Software)

ये प्रोग्राम कम्प्यूटर के रख-रखाव से सम्बन्धित कार्य करते हैं। ये प्रोग्राम्स कम्प्यूटर के कायों को सरल बनाने, उसे अशुद्धियों से दूर रखने तथा सिस्टम के विभिन्न भायों के लिए बनाए जाते हैं। ये सिस्टम सॉफ्टवेयर के अनिवार्य भाग नहीं होते, परन्तु सामान्यत: उसके साथ ही आते हैं और कम्प्यूटर के निर्माता द्वारा ही उपलब्ध कराए जाते हैं। कुछ यूटिलिटी सॉफ्टवेयर निम्न हैं

1. डिस्क कम्प्रेशन (Disk Compression)

यह हार्ड डिस्क पर उपस्थित सूचना पर दबाव डालकर उसे संकुचित (Compressed) कर देता है, ताकि हार्ड डिस्क पर अधिक-से-अधिक सूचना स्टोर की जा सके। यह यूटिलिटी स्वयं अपना कार्य करती रहती है तथा जरूरी नहीं कि उपयोगकर्ता को इसकी उपस्थिति की जानकारी हो।

2. डिस्क फ्रेग्मेण्टर (Disk Fragmenter)

यह कम्प्यूटर की हार्ड डिस्क पर विभिन्न जगहों पर बिखरी हुई फाइलों को खोजकर उन्हें एक स्थान पर लाता है। इसका प्रयोग फाइलों तथा हार्ड डिस्क की खाली पड़ी जगह को व्यवस्थित करने में होता है।

3. बैकअप यूटिलिटीज (Backup Utilities)

यह कम्प्यूटर की डिस्क पर उपस्थित सारी सूचना की एक कॉपी रखता है तथा जरूरत पड़ने पर कुछ जरूरी फाइलें या पूरी हार्ड डिस्क की सामग्री वापस रिस्टोर (Restore) कर देता है।

4. डिस्क क्लीनर्स (Disk Cleaners)

ये उन फाइलों को ढूँढकर डिलीट (Delete) करता है, जिनका बहुत समय से उपयोग नहीं हुआ है। इस प्रकार से कम्प्यूटर की गति को भी तेज करता है।

5. एण्टी वायरस स्कैनर्स एण्ड रीमूवर्स (Anti virus Scanners and Removers)

ये ऐसे यूटिलिटी प्रोग्राम्स हैं, जिनका प्रयोग कम्प्यूटर के वायरस ढूँढने और उन्हे डिलीट करने में होता है।

3. एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर (General Purpose Software)

एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर (Application Software) उन प्रोग्रामों को कहा जाता है, जो हमारे वास्तविक कार्य को कराने के लिए लिखे जाते हैं। ये कार्य हर कम्पनी या उपयोगकर्ता के लिए अलग-अलग प्रकार के होते हैं, इसलिए हमारी आवश्यकता के अनुसार ये प्रोग्राम लिखे जाते हैं। सामान्यत: एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर दो प्रकार के होते हैं

(i) सामान्य उद्देशीय सॉफ्टवेयर

प्रोग्रामों का वह समूह, जिन्हें यूजर अपनी आवश्यकतानुसार अपने सामान्य उद्देश्यों की पूर्ति के लिए उपयोग में लाते हैं, सामान्य उद्देशीय सॉफ्टवेयर कहलाते हैं। सामान्य उद्देश्य के सॉफ्टवेयर निम्नलिखित क्षेत्रों में उपयोग किए जाते हैं

  • वर्ड प्रोसेसिंग सॉफ्टवेयर
  • प्रेजेण्टेशन सॉफ्टवेयर
  • डेस्कटॉप पब्लिशिंग सॉफ्टवेयर
  • इलेक्ट्रॉनिक स्प्रेडशीट सॉफ्टवेयर
  • मल्टीमीडिया सॉफ्टवेयर

(ii) विशिष्ट उद्देशीय सॉफ्टवेयर

(Specific Purpose Software) ये सॉफ्टवेयर किसी विशेष उद्देश्य की पूर्ति हेतु बनाए जाते हैं। इस प्रकार के सॉफ्टवेयर का अधिकांशतः केवल एक ही उद्देश्य होता है। सामान्य रूप से उपयोग किए जाने वाले कुछ विशिष्ट उद्देशीय सॉफ्टवेयर निम्न हैं

  • कम्प्यूटर एडिड डिजाइन
  • पेरौल मैनेजमेण्ट सिस्टम
  • होटल मैनेजमेण्ट सिस्टम
  • रिजर्वेशन सिस्टम
  • डेटाबेस मैनेजमेण्ट सिस्टम

तो दोस्तों यहा इस पृष्ठ पर सॉफ्टवेयर (What Is Software) किसे कहते हैं के बारे में बताया गया है अगर ये आपको पसंद आया हो तो इस पोस्ट को अपने friends के साथ social media में share जरूर करे। ताकि भारत के सॉफ्टवेयर (What Is Software) किसे कहते हैं जो हर बार पुछे जाते हैं के बारे में जानकारी इस बारे में जान सके। और नवीनतम अपडेट के लिए हमारे साथ बने रहे।

Leave a Reply

Top