You are here
Home > Current Affairs > आपके कंप्यूटर पर होगी सरकार की नजर, 10 सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों को मिले निगरानी के अधिकार

आपके कंप्यूटर पर होगी सरकार की नजर, 10 सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों को मिले निगरानी के अधिकार

केंद्र सरकार ने 10 केंद्रीय एजेंसियों को सूचित किया है जो उन्हें भारत में “किसी भी” कंप्यूटर सिस्टम में निहित सभी डेटा की निगरानी करने और उन्हें देखने के अधिकार दिए हैं।। गृह मंत्रालय के अधीन साइबर और सूचना सुरक्षा प्रभाग ने यह अधिसूचना जारी की।

10 एजेंसी

केंद्र सरकार द्वारा अधिकृत 10 एजेंसियां ​​इंटेलिजेंस ब्यूरो, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, राजस्व खुफिया निदेशालय, CBI, राष्ट्रीय जांच एजेंसी, प्रवर्तन निदेशालय, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड, प्रत्यक्ष कर, विश्लेषण और विश्लेषण विंग, सिग्नल इंटेलिजेंस निदेशालय (जम्मू में) और दिल्ली पुलिस।

सरकार के अनुसार, अधिसूचना IT के नियम 4 के तहत आवश्यकता को पूरा करती है (सूचना के लिए प्रक्रिया और सुरक्षा, सूचना की निगरानी और विवरण) नियम, 2009, जिसके तहत सरकार को अवरोधन, निगरानी के लिए अनुमत एजेंसियों की संख्या और किसी भी डेटा का डिक्रिप्शन को सूचीबद्ध करना है।

सूचना प्रौद्योगिकी

  • सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 साइबर अपराध को संभालने और इलेक्ट्रॉनिक वाणिज्य से निपटने के लिए भारत में प्राथमिक कानून है।
  • सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 की धारा 69 में साइबर अपराध की जांच के लिए डिक्रिप्शन के साथ-साथ अवरोधन और निगरानी के लिए प्रावधान शामिल हैं।
  • सूचना प्रौद्योगिकी (प्रक्रिया और सुरक्षा, अवरोधन, निगरानी और सूचना के डिक्रिप्शन के लिए) नियम, 2009, धारा 69 के तहत सरकार द्वारा अधिसूचित किया गया है।
  • सरकार की इस अधिसूचना से भारतीय संसद में काफी हंगामा हुआ है।
  • विपक्ष ने हालिया आदेश को ‘असंवैधानिक’ और नागरिकों के मौलिक अधिकारों पर हमला करार दिया है।

लाभ

आदेश का उद्देश्य अन्य चीजों के बीच है, जो यह सुनिश्चित करता है कि किसी भी कंप्यूटर संसाधन के माध्यम से किसी भी सूचना के अवरोधन, निगरानी या डिक्रिप्शन कानून की उचित प्रक्रिया के अनुसार किया जाता है।

Leave a Reply

Top