कैबिनेट ने नॉर्थ ईस्ट नेचुरल गैस पाइपलाइन ग्रिड को मंजूरी दी 8 जनवरी 2020 को आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने नॉर्थ ईस्ट गैस पाइपलाइन ग्रिड को मंजूरी दी। करीब 1,656 किलोमीटर तक पाइपलाइन का निर्माण किया जाना है।
हाइलाइट
गैस पाइपलाइन ग्रिड का विकास पूर्वोत्तर क्षेत्र के आठ राज्यों मणिपुर, मेघालय, असम, अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, सिक्किम, नागालैंड और त्रिपुरा में किया जाना है। यह परियोजना ओएनजीसी (ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉर्पोरेशन लिमिटेड), IOCL (इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड), OIL (ऑयल इंडिया लिमिटेड), गेल (गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड) और NRL (न्यूमरल रिफाइनरी) की 5 सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों का एक संयुक्त उद्यम है। सीमित)।
संयुक्त उद्यम का नाम IGGL (इंद्र धनुष गैस ग्रिड लिमिटेड) रखा गया है। भारत सरकार ने ग्रिड के निर्माण के लिए 5,559 करोड़ रुपये की धनराशि को मंजूरी दी है। ग्रिड उत्तर पूर्व के प्रमुख शहरों अर्थात् गुवाहाटी, ईटानगर, कोहिमा, दीमापुर, ऐज़वाल, इम्फाल, शिलांग, अगरतला, सिलचर, नुमालीगढ़ और गंगटोक को जोड़ेगा।
ग्रिड के बारे में
ग्रिड ऑटोमोबाइल को सीएनजी, घरों में रसोई गैस और उद्योग को ईंधन की आपूर्ति करेगा। समूह कंसोर्टियम को परियोजना के लिए 60% धन प्राप्त होगा और शेष ऋण और इक्विटी के माध्यम से जुटाना होगा। परियोजना की निगरानी पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा की जाएगी। मंत्रालय आगे के चरणों में परियोजना के लिए पूंजी भी जारी करेगा।
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