रिपोर्ट: खरीफ की फसल का उत्पादन 12% घटेगा 3 दिसंबर 2019 को, एक निजी मौसम निगरानी कंपनी, स्काईमेट ने खरीफ फसल दृष्टिकोण पर एक रिपोर्ट जारी की। रिपोर्ट के अनुसार, 2018-19 की तुलना में खरीफ की फसलों को रोककर खरीफ फसलों में 4.5% से 12% तक की गिरावट देखी जा सकती है।
रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्ष
देश भर और खासकर महाराष्ट्र में मूंगफली, सोयाबीन, कपास, अरहर और उड़द जैसी कई फसलों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा। यह मुख्य रूप से कुछ क्षेत्रों में अधिक वर्षा, अन्य क्षेत्रों में वर्षा की कमी और कुछ अन्य क्षेत्रों में मानसून की देरी के कारण हुआ। नीचे की रेखा, कई हिस्सों को सही समय पर सामान्य मानसूनी बारिश की सही मात्रा नहीं मिली। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि सितंबर के अंत तक बारिश परिपक्वता प्रक्रिया में देरी हुई। मिट्टी में नमी की अधिक मात्रा ने फसलों की वृद्धि में बाधा उत्पन्न की।
खरीफ की फसलें
दक्षिण पश्चिम मानसून के महीनों में पैदा होने वाली फसलों को खरीफ फसल कहा जाता है। इसमें चावल, ज्वार, मक्का, मूंग, बाजरा, कपास, मूंगफली, जूट शामिल हैं। भारत में तटीय क्षेत्रों में खरीफ फसलों की सबसे अधिक पैदावार होती है। इसमें मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु में धान, महाराष्ट्र और राजस्थान में दाल शामिल हैं।
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