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सारस के नए संस्करण की दूसरी सफल उड़ान | Second successful flight of new version of Stork

बेंगलुरु: केंद्रीय विमान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री हर्षवर्धन ने बुधवार को कहा कि विज्ञान एवं स्वदेशी तकनीकी से बने भारत के हल्के परिवहन विमान सारस ने बुधवार को दूसरी बार सफल परीक्षण उड़ान भरी. उन्होंने कहा कि उत्पादन मॉडल डिजायन इस साल जून-जुलाई तक तैयार हो जाने की संभावना है. यह प्रायोगिक उड़ान करीब 25 मिनट तक चली जिसकी कमान भारतीय वायुसेना (एयरक्राफ्ट सिस्टम टेस्टिंग एस्टैबलिशमेंट) के विंग कमांडर यू पी सिंह, ग्रुप कैप्टन आर वी पनिक्कर, ग्रुप कैप्टन के हाथों में थी.

सारस के नए संस्करण 20 परीक्षण बाकी

सारस के नए संस्करण के कुल 20 परीक्षण होने हैं। इसका वाणिज्यिक मॉडल इस साल के जून-जुलाई तक तैयार होने की उम्मीद है। परीक्षण मॉडल में 14 सीटें हैं जबकि वाणिज्यिक मॉडल में 19 सीटें होंगी। इसका इस्तेमाल यात्रियों और सामान दोनों के परिवहन के लिए किया जा सकता है। विमान का परीक्षण वायु सेना के एयरक्राफ्ट एंड सिस्टम टेस्टिंग इस्टेलिशमेंट द्वारा किया जा रहा है। इस उड़ान दल में इस्टेलिशमेंट के विंग कमांडर यू.पी. सिंह, ग्रुप कैप्टन आर.वी. पाणिकर और ग्रुप कैप्टन के.पी. भट शामिल थे। पहला परीक्षण 24 जनवरी को किया गया था।हर्षवर्धन ने कहा कि सारस पीटी 1 एन के लिए निर्धारित 20 परीक्षण उड़ानों का बुधवार का यह दूसरा परीक्षण है. इस मालवाहक विमान ने यहां हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के हवाई अड्डे से उड़ान भरी.

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारतीय वायुसेना ने शुरु में 15 ऐसे विमान अपने बेड़े में शामिल करने का वादा किया है. उन्होंने कहा कि सारस इसी श्रेणी के किसी भी आयातित विमान से 20-25 फीसद सस्ता होगा यह 14 सीटर के बजाय 19 सीटर होगा.

उन्होंने कहा, ‘‘70 फीसद से अधिक स्वेदशी सामग्री वाले इस एक विमान का मूल्य 40-45 करोड़ होगा जबकि ऐसे ही आयातित विमान की कीमत 60-70 करोड़ रुपये हैं. इसमें आयातित विमानों की तुलना में अधिक लाभ हैं. ’’

इसका पहला सफल परीक्षण इस साल 24 जनवरी को हुआ था. सारस के सैन्य संस्करण के लिए एचएएल उत्पादन एजेंसी होगी जबकि उसके असैन्य संस्करण का निर्माण कार्य निजी उद्योगों को सौंपा जाएगा.

भारत के स्वदेशी विकसित हल्के परिवहन विमान सरस पीटी 1 एन ने सफलतापूर्वक दूसरी परीक्षा-उड़ान पूरी कर ली है। यह सारास पीटी 1 एन के लिए 20 परीक्षण उड़ानों की दूसरी उड़ान थी, इससे पहले कि यह उत्पादन संस्करण के लिए जमे हुए हो। पहला सफल परीक्षण जनवरी 2017 में किया गया था। भारतीय वायु सेना (IAF) शुरू में 15 विमानों को शामिल करने के लिए प्रतिबद्ध है।

मेक इन इंडिया के तहत निर्मित किए गए विमान

परीक्षण के दौरान वायु सेना की ओर से वहां मौजूद एयर वाइस मार्शल संदीप सिंह ने कहा भारतीय वायु सेना स्वदेश में डिजाइन किए गए और निर्मित पहले हल्के परिवहन विमान के परीक्षण और उसके बाद उसे अपने बेड़े में शामिल करने के लिए प्रतिबद्ध है। वह इस कार्यक्रम को पूरा समर्थन दे रही है तथा सारस के नए संस्करण के डिजायन को जल्द ही अंतिम रूप दे दिया जाएगा। सीएसआईआर सूत्रों ने बताया कि वायु सेना ने 15 से 20 विमानों की खरीद के लिए प्रतिबद्धता जताई है और जल्द ही इनके लिए सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।

SARAS PT1N 

CSIR-नेशनल एयरोस्पेस लैबोरेटरीज (NAL) द्वारा तैयार किए गए अनुसार लाइट ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट श्रेणी में SARAS PT1N पहला भारतीय बहुउद्देशीय नागरिक विमान है। CSIR-NAL, IAF-ASTE, सेंटर फॉर मिलिट्री वायडलाइज एंड सर्टिफिकेशन (CEMILAC), HAL और डायरेक्टरेट जनरल ऑफ एरोनॉटिकल क्वालिटी एश्योरेंस (DGAQA) के प्रयासों की परिणति के रूप में देखा जाता है।

SARAS PT1N ने अनुमानित सरस विमान कार्यक्रम विमान का उन्नत संस्करण। यह 14-सीटर है और उत्पादन संस्करण के विमान में 19 सीट क्षमता है। इसका वजन 7 टन है और इसे 425 किमी / घंटे में यात्रा करने के लिए डिजाइन किया गया है। इसमें लगभग पांच घंटे का अधिकतम निरंतर उड़ान समय है।

विमान का उन्नत संस्करण अधिक आधुनिक विमानन प्रणाली, सुधरे हुए रडार, रैखिक विंग फ्लैप एक्ट्यूएटर, इंजन फ्लैप एक्ट्यूएटर, पर्यावरण नियंत्रण, बेहतर उड़ान नियंत्रण प्रणाली, बढ़ाया नियंत्रण के लिए बड़े धात्विक पतवार, नए सिरे से लैंडिंग-गियर एक्ट्यूएटर्स, और विमान के नैक्ले के लिए आग प्रतिरोधी डिजाइन ब्रांड ब्रेक के साथ सुसज्जित प्रणाली है।

पृष्ठभूमि(Background)

विमान कार्यक्रम का नाम भारतीय क्रेन सरस के नाम पर रखा गया है। यह पहली बार 1960 में लघु-ढोढ़ी नागरिक उड्डयन बाजार की स्थापना के लिए अवधारणा थी। विमान के मूल डिजाइन में 6,100 किग्रा के अधिकतम वजन का वजन और 1,232 किलोग्राम के अधिकतम पेलोड शामिल थे।

विमान के पहले प्रोटोटाइप ने मई 2004 में अपनी पहली उड़ान बना ली थी।SARAS PT1N को विमान के संस्करण को उन्नत कर दिया गया है, जो सरस के दूसरे प्रोटोटाइप के बाद नवीनीकृत हुआ है, जो परीक्षण उड़ान के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, मार्च 2009 में बोर्ड में सभी तीनों चालक दल के सदस्यों की मौत हो गई थी।

नए विमान में 10 सुधार किए

इस बीच एनएएल के निदेशक जितेंद्र जाधव ने कहा है कि उच्च गति टैक्सी ट्रायल पूरा होने के बाद अक्टूबर के पहले सप्ताह में सारस के पहली उड़ान की योजना बनाई गई है। उन्होंने बताया कि सारस विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद नए विमान में 10 सुधार किए गए हैं। उड़ान के दौरान इन सुधारों और प्रणालियों की जांच की जाएगी। सुधार के बाद तैयार सारस के पहले प्रोटोटाइप की कुल 25 उड़ानों की योजना है जबकि वर्ष 2019 के अंत तक उड़ान भरने की योग्यता का प्रमाण पत्र प्राप्त कर लिया जाएगा ।

विमान अधिक पायलट फ्रेंडली और फुर्तीला

परियोजना से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि 10 सुधारों के बाद यह विमान अधिक पायलट फ्रेंडली और फुर्तीला हो गया है। साथ ही इसका नियंत्रण काफी आसान हो गया है। अब यह हवा में और अधिक ऊंचाई तक उड़ान भरने की क्षमता भी हासिल कर चुका है। जाधव के अनुसार उड़ान परीक्षणों के बाद सारस की डिजाइनिंग पर मार्च 2018 तक अंतिम मुहर लग जाएगी। तब तक विमान के वजन में भी काफी कटौती कर दी जाएगी। एनएएल ने विमान के एवियोनिक्स, ग्लास कॉकपिट, कंट्रोल सिस्टम, केबिन प्रेशर कंट्रोल सिस्टम आदि में बदलाव किए हैं। एजेंसी दो सीमित श्रृंखला उत्पादन के विमानों के लिए सरकार से धन भी मांगेगी। वर्तमान योजना के मुताबिक अंतिम प्रमाणन के लिए सारस सीमित श्रृंखला उत्पादन के विमान दिसम्बर 2019 तक उड़ान भरने लगेंगे।

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