जिस प्रकार ठोस, दव तथा गैस पदार्थ की तीन अवस्थायें हैं उसी प्रकार पदार्थ की चौथी तथा एक अति विशिष्ट अवस्था होती है जिसे ‘प्लाज्मा अवस्था` कहा जाता है। प्लाज्मा अवस्था किसी पदार्थ की वह अवस्था है जिसमें वह पदार्थ कण आविष्ट इलेक्ट्रानों, धन आविष्ट आयनों (ऐसे परमाणु जिनसे एक या अनेक इलेक्ट्रॉन बाहर निकल चुके हैं) तथा परमाणुओं एवं अणुओं के मिश्रण से निर्मित विद्युत चालक माध्यम के रूप में पाया जाता है। इस माध्यम के गुण इसमें मौजूद कणों के सामूहिक आचरण पर निर्भर करते हैं। इस माध्यम में धन आविष्ट कणों तथा ऋण आविष्ट कणों की संख्या लगभग बराबर होती है। वस्तुतः प्लाज्मा उस प्रकार की गैस है जो आविष्ट कणों तथा अनाविष्ट कणों के मिश्रण से निर्मित रहती है। इस विशेषता के कारण इसमें कुछ ऐसे गुण मौजूद रहते हैं जो साधारण गैस में नहीं पाये जाते। इसका एक सबसे बड़ा गुण यह है कि यह विद्युत का बहुत अच्छा चालक है। जबकि साधारण गैस विद्युत की कुचालक होती है।
प्लाज्मा क्या है
1 Answers