You are here
Home > Current Affairs > सुप्रीम कोर्ट के जजों की बढ़ती ताकत को कैबिनेट ने दी मंजूरी

सुप्रीम कोर्ट के जजों की बढ़ती ताकत को कैबिनेट ने दी मंजूरी

सुप्रीम कोर्ट के जजों की बढ़ती ताकत को कैबिनेट ने दी मंजूरी प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) सहित उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीशों की संख्या वर्तमान 31 से 34 (यानी 10%) तक बढ़ाने को मंजूरी दी है। इस संबंध में इसने सुप्रीम कोर्ट (न्यायाधीशों की संख्या) अधिनियम 1956 में संशोधन के लिए बिल को मंजूरी दे दी है। वर्तमान में SC की पूर्ण स्वीकृत संख्या 31 है (CJI सहित)। एक बार जब इस बिल को संसदीय मंजूरी मिल जाती है, तो न्यायाधीशों की संख्या 34 हो जाएगी, जिसमें CJI भी शामिल है।

पृष्ठभूमि

केंद्रीय मंत्रिमंडल का यह फैसला भारत के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे गए पत्र के बाद आया है, जिसमें उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीशों की संख्या बढ़ाने का अनुरोध किया गया था। CJI ने अपने पत्र में SC-में न्यायाधीश-शक्ति को उचित रूप से बढ़ाने का आग्रह किया था ताकि यह अधिक कुशलतापूर्वक और प्रभावी ढंग से कार्य कर सके और मुकदमेबाज जनता को समय पर न्याय प्रदान करने के अंतिम लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए एक लंबा रास्ता तय कर सके। उन्होंने यह भी उल्लेख किया था कि न्यायाधीशों की कमी के कारण, कानून के सवालों से जुड़े महत्वपूर्ण मामलों को तय करने के लिए SC की संविधान पीठों की आवश्यक संख्या का गठन नहीं किया जा रहा था। कानून मंत्री के राज्यसभा में लिखित जवाब के अनुसार, कुल 11, 59,331 मामले सुप्रीम कोर्ट में लंबित हैं।

SC संरचना: संवैधानिक और वैधानिक प्रावधान

सर्वोच्च न्यायालय की शक्ति भारत के संविधान के अनुच्छेद 124 (1) के अनुसार संसद द्वारा बनाए गए कानून द्वारा तय की गई है। इसलिए, संसदीय विधान के माध्यम से ताकत बढ़ाई जा सकती है। इस संसद के अनुसरण में सर्वोच्च न्यायालय (न्यायाधीशों की संख्या) अधिनियम, 1956 अधिनियमित किया गया है, जो मूल रूप से अधिकतम 10 न्यायाधीशों (सीजेआई को छोड़कर) के लिए प्रदान किया गया है। 2009 में 25 से 30 (CJI को छोड़कर) जजों की ताकत बढ़ाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के जजों की बढ़ती ताकत को कैबिनेट ने दी मंजूरी संशोधन किया गया था।

वन नेशन-वन राशन कार्ड योजना

Leave a Reply

Top