विद्युत (संशोधन) विधेयक 2020 का संशोधित मसौदा विद्युत मंत्रालय ने बिजली (संशोधन) विधेयक, 2020 में बदलाव किए हैं। यह बिजली उत्पादन को नवीकरणीय स्रोतों से बढ़ावा देने के लिए किया जा रहा है।
बिल की मुख्य विशेषताएं
- विद्युत संविदा प्रवर्तन प्राधिकरण बनाया जाना है
- राष्ट्रीय अक्षय ऊर्जा नीति का शुभारंभ
- बिजली के वितरण को निर्धारित करने और सीमा पार व्यापार को सुविधाजनक बनाने के लिए भुगतान सुरक्षा आवश्यक हो गई है।
- फ्रेंचाइजी और उप-लाइसेंस का उपयोग करते हुए डिस्कॉम का निजीकरण
- पावर टैरिफ को सब्सिडी के बिना निर्धारित किया जाना है
- बिजली के अपीलीय न्यायाधिकरण में सिविल अदालतों की तरह समान शक्तियां होनी चाहिए
महत्व
डिस्कॉम के निजीकरण का सुझाव दिया गया है। ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि पावर मिनिस्ट्री के मुताबिक, डिस्कॉम को सालाना 22,000 करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान हो रहा है। विधेयक का प्रस्ताव है कि सभी राज्य ऊर्जा अनुसंधान केंद्र अक्षय ऊर्जा के लिए एक प्रक्षेपवक्र निर्दिष्ट करें। इसमें हाइड्रो पावर की बाध्यता भी शामिल होगी। यह केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में अक्षय ऊर्जा के रूप में मान्यता प्राप्त जल विद्युत के रूप में आता है।
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