भारत सरकार की नई औद्योगिक नीति और राष्ट्रीय ई-कॉमर्स नीति जल्द ही जारी होगी 18 मार्च 2020 को वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने संसद में घोषणा की कि नई औद्योगिक नीति और राष्ट्रीय ई-कॉमर्स नीति जल्द ही जारी की जाएगी। उद्योग और आंतरिक व्यापार (DPIIT) के संवर्धन विभाग द्वारा नीतियों को तैयार किया जाना है।
नई औद्योगिक नीति
पहले NIP को 1991 में लॉन्च किया गया था। तब से पॉलिसी को अपडेट नहीं किया गया है। 1991 का एनआईपी उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण के उद्देश्य से था। इसका उद्देश्य आर्थिक विकास दर को बढ़ाना और पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार का निर्माण करना भी है। नीति में कई प्रतिबंधों के साथ देश में वस्तुओं और सेवाओं के अंतर्राष्ट्रीय प्रवाह पर भी ध्यान केंद्रित किया गया। वर्तमान सरकार इन प्रतिबंधों को उदार बना रही है और भारत के साथ व्यापार करने में आसानी बढ़ा रही है। इसलिए भारत विश्व बैंक की हालिया ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में 63 वें स्थान पर पहुंच गया है।
नई औद्योगिक नीति 1956 और 1991 में जारी नीतियों के बाद भारतीय इतिहास में तीसरी नीति होगी। उन दोनों नीतियों को भुगतान संकट के संतुलन पर ध्यान केंद्रित करते हुए तैयार किया गया था। एनआईपी का मसौदा डेटा सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करेगा, राष्ट्रीय विनिर्माण नीति को कम करेगा और विदेशी प्रौद्योगिकी हस्तांतरण को बढ़ावा देगा। आईटी भी सालाना 100 बिलियन अमरीकी डालर के विदेशी निवेश को आकर्षित करने का लक्ष्य रखेगा।
राष्ट्रीय ई-कॉमर्स नीति
ड्राफ्ट नेशनल ई-कॉमर्स पॉलिसी छह व्यापक क्षेत्रों अर्थात् बुनियादी ढांचे, डेटा, ई-कॉमर्स बाजार स्थानों, निर्यात संवर्धन, नियामक मुद्दों और घरेलू डिजिटल अर्थव्यवस्था को उत्तेजित करने पर केंद्रित होगी।
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