भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने ओपन आर्किटेक्चर-आधारित सार्वजनिक वाई-फाई ग्रिड की अवधारणा को 90% तक इंटरनेट की लागत को कम करने के लिए प्रस्तावित किया है। यह बहुत आवश्यक है क्योंकि देश भर में ब्रॉडबैंड प्रसार डिजिटल इंडिया और वाई-फाई का महत्वपूर्ण स्तंभ उपकरण और मुफ्त स्पेक्ट्रम की कम कीमत के लिए सबसे सस्ता विकल्प है।
मुख्य तथ्य
TRAI द्वारा प्रस्तावित वाई-फाई ग्रिड या मेष सेवाओं, पहुंच, भुगतान और प्रमाणीकरण जैसे पहलुओं के समाधान के लिए कई प्रदाताओं को एक साथ आते हैं। इसकी सिफारिशों को नियामक द्वारा संचालित पायलट प्रोजेक्ट के निष्कर्षों द्वारा समर्थित किया जाता है। TRAI के पायलट और परीक्षणों का उद्देश्य ऐसे आर्किटेक्चर की अवधारणा के साक्ष्य का प्रदर्शन करना था। यह सुझाव दिया है कि किसी भी संस्था – कंपनी, स्वामित्व या गैर-संस्थाओं को आसानी से एक सार्वजनिक वाई-फाई पहुंच बिंदु को स्थापित करने में सक्षम होना चाहिए।
महत्व
TRAI की नवीनतम सिफारिशें भारत सरकार द्वारा पीछा भारत सरकार परियोजना का पालन करती हैं जो पूरे देश में ग्राम पंचायतों को वाई-फाई सेवाएं प्रदान करने का इरादा रखती है। सरकार ने अपना पहला चरण पूरा कर लिया है और उम्मीद है कि यह परियोजना 201 9 तक पूरा हो जाएगा।
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI)
TRAI भारत में दूरसंचार व्यवसाय का एक स्वतंत्र नियामक है। यह 1997 में दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण अधिनियम, 1997 के माध्यम से स्थापित किया गया था। TRAI भारत में दूरसंचार सेवाओं के लिए शुल्कों को भी ठीक करता है या संशोधित करता है। TRAI भारत में दूरसंचार सेवाओं के लिए शुल्कों को भी ठीक करता है या संशोधित करता है।
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