सुल्भ इंटरनेशनल ने सीवर की मौत को कम करने और मैनुअल स्कावेन्गिंग के असुरक्षित अभ्यास को समाप्त करने के लिए भारत की पहली सीवर सफाई मशीन पेश की है। सुलभ इंटरनेशनल बिंदेश्वर पाठक की उपस्थिति में दिल्ली के सभी तीन नगर निगमों (MCD) के महापौरों द्वारा विश्व शौचालय दिवस 2018 (19 नवंबर को मनाया गया) के अवसर पर मशीन का अनावरण किया गया था।
सुलभ सीवर सफाई मशीन
- मशीन देश में 99% मैनुअल स्कावेन्गिंग के साथ दूर कर देगी।
- इसकी मदद से मैनुअल क्लीनर (सफाई करमचारी) को सीवरों में प्रवेश करने की ज़रूरत नहीं है।
- लेकिन अगर जरूरत उठती है और व्यक्ति को जाना पड़ता है, तो मशीन हानिकारक गैसों से श्रमिकों की रक्षा के लिए गैस जांच मशीन, सुरक्षात्मक गियर और ड्रेस से पूरी तरह सुसज्जित है।
- यह इलेक्ट्रो-हाइड्रोलिक रूप से संचालित है, व्यक्तिगत सुरक्षात्मक उपकरणों और त्वरित दृश्य पाइप निरीक्षण कैमरा के साथ जो 20 फीट तक फैला हुआ है।
- क्विक-व्यू पाइप व्यू कैमरा को बियर ज़ूम फ़ंक्शन (औद्योगिक एचडी कैमरा), स्केलेबल कार्बन फाइबर रॉड्स और सूरज की रोशनी प्रस्तुत करने योग्य नियंत्रक के साथ सीवर, मैनहोल, सुरंग, टैंक, मेनलाइन और अन्य पार्श्व पाइपलाइन सुविधाओं का निरीक्षण करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
नई मशीन मैनहोल के आवधिक यांत्रिक desilting के लिए आदर्श है और 150 बार ऑपरेटिंग दबाव और 150 लीटर प्रति मिनट के प्रवाह उत्पादन करने में सक्षम शक्तिशाली जेटिंग पंप का उपयोग कर सीवर लाइनों को बाहर निकालने के लिए आदर्श है। यह विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए लचीले स्टील रॉड का उपयोग करके डी-चोकिंग सीवर लाइनों में भी सक्षम है। मशीन यह सुनिश्चित करेगी कि सीवर के अंदर कोई सफाई करमचारी मर जाए और मैनुअल स्वेवेंजर्स को भारी राहत मिलेगी।
सुलभ इंटरनेशनल
यह सामाजिक सेवा संगठन है जो शिक्षा के माध्यम से मानवाधिकार, पर्यावरण स्वच्छता, ऊर्जा के गैर पारंपरिक स्रोतों, अपशिष्ट प्रबंधन और सामाजिक सुधारों को बढ़ावा देने के लिए काम करता है। यह भारत में सबसे बड़ा गैर-लाभकारी संगठन है। इसकी स्थापना 1 9 70 में सामाजिक कार्यकर्ता बिंदेश्वर पाठक ने की थी।
और भी पढ़े:-
- COP28 पर अनुच्छेद 6 चर्चाएँ
- विश्व की सबसे गहरी भूमिगत Physics प्रयोगशाला
- विष्णु देव साय छत्तीसगढ़ के नए मुख्यमंत्री
- “लिंग-समावेशी संचार पर मार्गदर्शिका” का शुभारंभ
- आयुष्मान भारत स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों का नाम बदलकर ‘आयुष्मान आरोग्य मंदिर’ रखा जाएगा