भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने डिजिटल लेनदेन से संबंधित ग्राहकों की शिकायतों का समाधान करने के लिए लागत मुक्त तंत्र प्रदान करने के लिए ‘डिजिटल लेनदेन के लिए लोकपाल योजना’ शुरू करने की घोषणा की है। यह योजना जनवरी 2019 के अंत तक अधिसूचित की जाएगी। इसमें RBI के नियामक क्षेत्राधिकार के तहत आने वाली संस्थाओं द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं को शामिल किया जाएगा। इस योजना को वित्तीय लेनदेन के लिए डिजिटल मोड में वृद्धि को ध्यान में रखा जा रहा है जो देश में कर्षण प्राप्त कर रहा है। इस चैनल में उपभोक्ता विश्वास को मजबूत करने के लिए समर्पित, लागत मुक्त और त्वरित शिकायत निवारण तंत्र की उभरती आवश्यकता है।
ग्राहक देयता सीमित करने के लिए फ्रेमवर्क
- RBI ने प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट्स (PPI) से जुड़े अनधिकृत इलेक्ट्रॉनिक भुगतान लेनदेन के संबंध में ग्राहक देयता को सीमित करने के लिए ढांचे के साथ आने का भी फैसला किया है।
- उसने बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) जारी करने वाले क्रेडिट कार्ड से जुड़े अनधिकृत इलेक्ट्रॉनिक लेनदेन के संबंध में ग्राहक देयता को सीमित करने के निर्देश जारी किए हैं।
- यह ढांचा सभी ग्राहकों को उनके द्वारा किए गए इलेक्ट्रॉनिक लेनदेन के संबंध में समान स्तर तक लाएगा और मौजूदा दिशानिर्देशों द्वारा कवर न किए गए अन्य संस्थाओं द्वारा जारी किए गए PPI सहित अनधिकृत इलेक्ट्रॉनिक लेनदेन के लिए ग्राहक देयता को सीमित करने का लाभ बढ़ाएगा।
- दिशानिर्देश दिसंबर 2018 के अंत तक जारी किए जाएंगे।
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