आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति (CCEA) ने ‘चार धाम महामारग परियोजना’ के तहत उत्तराखंड में 4.531 किमी लंबे 2-लेन द्वि-दिशात्मक सिलकेरा बेंड-बार्कट सुरंग का निर्माण करने को मंजूरी दे दी है। यह परियोजना उत्तराखंड में राष्ट्रीय राजमार्ग -134 (old NH-94) के साथ आएगी और इसे इंजीनियरिंग, प्रोक्योर्मेंट और कंस्ट्रक्शन (EPC) मोड के तहत बनाया जाएगा।
मुख्य तथ्य
4.531 किमी लंबी द्विदिश सुरंग उत्तराखंड में 25.400 किलोमीटर और चैनगे 51 किलोमीटर के बीच धरासू-यमुनोत्री खंड पर पहुंच सहित मार्ग से बच जाएगा। परियोजना की निर्माण अवधि 4 साल है। कुल परियोजना लागत भूमि अधिग्रहण और पुनर्वास और अन्य पूर्व-निर्माण गतिविधियों के साथ-साथ 4 साल तक सुरंग के रखरखाव और संचालन लागत के लिए 1383.78 करोड़ रु शामिल हैं।
यह परियोजना राष्ट्रीय राजमार्ग एवं बुनियादी ढांचा विकास निगम लिमिटेड (NHIDCL) के माध्यम से सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MORHH) द्वारा लागू की जाएगी। NIAIDCL पूरी तरह से राज्य की स्वामित्व वाली कंपनी है, जो अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर राज्यों में राजमार्गों के विकास के लिए 2014 में स्थापित है।
महत्व
इस सुरंग का निर्माण, चारधम यात्रा पर यमुनोत्री को एक मौसम में सभी मौसम संपर्क प्रदान करेगा। यह देश के भीतर क्षेत्रीय सामाजिक-आर्थिक विकास, व्यापार और पर्यटन को प्रोत्साहित करेगा। इससे धरसू से यमुनोत्री तक की यात्रा की दूरी लगभग 20 किलोमीटर और यात्रा के समय लगभग घटकर कम हो जाएगी। इससे बचने वाले पेड़ों की संख्या को बचाया जा सकता है यदि मूल संरेखण का पालन किया गया था, तो सड़क सुधार में हटा दिया जाना आवश्यक होता।
चार धाम महामारग विकास परियोजना
चार धाम महामारग विकास परियोजना का उद्देश्य हिमालय में चार धाम तीर्थयात्रा केंद्रों को जोड़ने में सुधार करना है, जिससे इन केंद्रों को सुरक्षित, तेज और अधिक सुविधाजनक बनाया जा सकता है। इसमें उत्तराखंड में 900 किलोमीटर की राष्ट्रीय राजमार्गों को शामिल करना शामिल है जो 12000 करोड़ कुल लागत के रूप में है।
इसके तहत राजमार्गों की पूरी लंबाई पक्की कंधे के साथ दो लेन और 10 मीटर की न्यूनतम चौड़ाई होगी। इसमें यातायात की बाधाओं को रोकने के लिए सुरंगों, बाईपास, पुल, सबवे और वीआईडुएडिट भी होंगे। मार्ग बनाने के लिए पर्यावरण अनुकूल तकनीकों को डिजाइन में शामिल किया जा रहा है इसमें आपातकालीन निकासी के लिए मार्गस्थ सुविधाएं और सार्वजनिक सुविधाएं भी शामिल हैं जिनमें पार्किंग रिक्त स्थान और हेलीपैड शामिल हैं।
Project at a glance:-
- चारधाम परियोजना के तहत उत्तराखंड में कुल 1200 करोड़ रुपये की लागत से 900 किमी. के राष्ट्रीय राजमार्ग का विकास किया जाना है।
- कुल 3000 करोङ रुपये की लागत वाली 17 परियोजनाओं को पहले ही मंजूरी दे दी गई है और उनके निविदाएं जारी की जा चुकी है।
- राजमार्ग की चौड़ाई कम से कम 10 मीटर होगी।
- राजमार्ग पर यातायात में सुगमता के लिए सुरंग, बायपास,पुल, सब-वे आदि होंगे।
- एक टीम को भूस्खलन वाले संवेदनशील क्षेत्र की पहचान करने के लिए लगाया जाएगा। ये टीम इन क्षेत्रों को सुरक्षित बनाने के लिए यहां के डिजाइन को लेकर सुझाव देगी।।
- चारधाम रूट के साथ-साथ विभिन्न सुविधाओं और सार्वजनिक सुविधाओं का भी निर्माण किया जाएगा। इसके अलावा यहां पार्किंग के लिए रिक्त स्थान और आपातकालीन निकास के लिए हेलीपैड भी बनाए जाएंगे।
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