केंद्रीय गवर्निंग प्रशासन ने उत्तराखंड में गंगोत्री और यमुनोत्री, मध्यप्रदेश में अमरकंटक और तीर्थयात्रा कायाकल्प और धार्मिक, विरासत वृद्धि पुश (PRASAD) के नीचे झारखंड में परसनाथ शामिल किया है। नए परिवर्धन के साथ, PRASAD के नीचे इंटरनेट साइटों की विविधता अब 25 राज्यों में 41 हो गई है।
प्रसाद योजना
- इसे पर्यटन मंत्रालय द्वारा 2014-15 में लॉन्च किया गया था।
- इसका उद्देश्य संपूर्ण धार्मिक पर्यटन मुठभेड़ प्रदान करने के लिए योजनाबद्ध, प्राथमिकता और टिकाऊ तरीके से तीर्थ स्थलों की एकीकृत प्रगति का लक्ष्य है।
- यह पहचाने गए तीर्थ स्थलों के विकास और सुंदरता पर केंद्रित है।
उद्देश्य
- कार्य युग और आर्थिक प्रगति पर इसके प्रत्यक्ष और गुणक प्रभाव के लिए हार्नेस तीर्थ यात्रा।
- आध्यात्मिक स्थानों में पूरे विश्व पाठ्यक्रम बुनियादी ढांचे का निर्माण करके टिकाऊ तरीके से छुट्टियों के आकर्षण को बढ़ावा दें।
- यह क्षेत्र कला, परंपरा, हस्तकला, व्यंजन इत्यादि बाजार भी तलाशना चाहता है।
इस योजना के तहत बुनियादी ढांचे के विकास में शामिल हैं
- प्रवेश कारकों का विस्तार (सड़क, रेल और पेयजल परिवहन), अंतिम मील कनेक्टिविटी, प्राथमिक पर्यटन सेवाएं जैसे सूचना / व्याख्या सुविधाओं, एटीएम / मनी एक्सचेंज।
- परिवहन, रोशनी और नवीकरणीय विद्युत ऊर्जा संसाधनों के साथ रोशनी, एच 2o, पार्किंग, बाथरूम, तैयार कमरे, 1 सहायता केंद्र, शिल्प बाजार / हाट / स्मारिका स्टोर / कैफेटेरिया, बारिश आश्रयों, दूरसंचार सुविधाओं, दुनिया भर में उपभोग के पर्यावरण के सुखद तरीके का उन्नयन वेब कनेक्टिविटी इत्यादि।
अनुदान
- इसके नीचे, पर्यटन मंत्रालय निर्धारित स्थलों पर पर्यटन का समर्थन करने के लिए कंडीशन सरकारों को केंद्रीय मौद्रिक सहायता (CFA) प्रस्तुत करता है।
- इस योजना के तहत सामान्य सार्वजनिक वित्त पोषण के कुछ हिस्सों के लिए, केंद्रीय संघीय सरकार 100% फंड प्रदान करेगी।
- उद्यम की बेहतर स्थायित्व के लिए, यह सामान्य सार्वजनिक गैर-सार्वजनिक साझेदारी (PPP) और कंपनी सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) को उचित रूप से शामिल करना चाहता है।
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