भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्पेसपोर्ट में सतीश धवन स्पेस सेंटर में S-बैंड पोलारिमेट्री डोप्लर मौसम रडार (DWR) का उद्घाटन किया है। इसका उपयोग 500 किमी तक की मौसम प्रणाली के अवलोकन और गंभीर मौसम की घटनाओं की प्रारंभिक चेतावनी के लिए भी किया जाएगा।
डोप्लर मौसम रडार (DWR)
रडार को भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL), बेंगलुरु द्वारा आईएसआरओ से ToT(ट्रेनर्स के प्रशिक्षण) के तहत स्वदेशी विकसित किया गया है। यह “मेक इन इंडिया” के तहत देश में निर्मित इस प्रकार का सातवां रडार है। यह उन्नत जानकारी प्रदान करेगा, गंभीर मौसम से जुड़े प्राकृतिक आपदा की स्थिति में जीवन और संपत्ति को बचाने के लिए आवश्यक समय-समय पर आवश्यक है।
यह परंपरागत रडार की तुलना में तूफान के आंतरिक वायु प्रवाह और संरचना पर विस्तृत जानकारी भी प्रदान करेगा जो चक्रवातों को ट्रैक करने और भविष्यवाणी करने में सक्षम हैं। इस रडार की पोलारिमेट्रिक क्षमता में वर्षा के अनुमान की शुद्धता में सुधार करने में महत्वपूर्ण मदद मिलेगी जिससे सटीक और समय पर फ्लैश बाढ़ चेतावनियां हो सकती हैं। इसकी मदद से, मौसम प्रणालियों की गंभीरता मात्रात्मक रूप से अनुमानित की जा सकती है और मानव जीवन और संपत्ति को बचाने के लिए अधिक सटीक उन्नत चेतावनियां उत्पन्न की जा सकती हैं।
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