भारत और मोरक्को आपराधिक मामलों में पारस्परिक कानूनी सहायता पर एक समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिसका उद्देश्य मुख्य रूप से आतंकवादियों के वित्त पोषण के खतरे को शामिल करना है। भारतीय विदेश मंत्री केरेन रिजजू के लिए भारतीय विदेश मंत्री (MoS) ने भारतीय पक्ष से नई दिल्ली में हस्ताक्षर किए, जबकि न्यायमूर्ति मोहम्मद औजर ने मोरक्को सरकार की ओर से हस्ताक्षर किए।
मुख्य तथ्य
- समझौता भारत और मोरक्को के बीच द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने में मदद करेगा।
- यह प्रभावशीलता में वृद्धि करेगा और अपराधों की रोकथाम, जांच और अभियोजन पक्ष के साथ-साथ आतंकवादी कृत्यों के वित्तपोषण के लिए धन की रोकथाम, संयम और जब्त के लिए व्यापक कानूनी ढांचा प्रदान करेगा।
- यह संगठित अपराध और आतंकवाद से उत्पन्न खतरों का सामना करने में मदद करेगा।
- दोनों मंत्रियों ने संगठित अपराध और आतंकवाद से उत्पन्न खतरों का संयुक्त रूप से सामना करने के अपने संकल्प को दोहराया।
और भी पढ़े:-
- COP28 पर अनुच्छेद 6 चर्चाएँ
- विश्व की सबसे गहरी भूमिगत Physics प्रयोगशाला
- विष्णु देव साय छत्तीसगढ़ के नए मुख्यमंत्री
- “लिंग-समावेशी संचार पर मार्गदर्शिका” का शुभारंभ
- आयुष्मान भारत स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों का नाम बदलकर ‘आयुष्मान आरोग्य मंदिर’ रखा जाएगा