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DST द्वारा अनुमोदित एंटी-माइक्रोबियल कोटिंग प्रौद्योगिकी

DST द्वारा अनुमोदित एंटी-माइक्रोबियल कोटिंग प्रौद्योगिकी विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग ने हाल ही में जवाहरलाल नेहरू सेंटर फॉर एडवांस्ड साइंटिफिक रिसर्च (JNCASR) द्वारा विकसित एंटी-माइक्रोबियल कोटिंग को मंजूरी दी है।

एंटी माइक्रोबियल कोटिंग क्या है

एंटी-माइक्रोबियल कोटिंग को कपड़ा, प्लास्टिक आदि जैसी सतहों में लगाया या गढ़ा जा सकता है। यह कोटिंग रोगाणुओं को मार देती है क्योंकि वे इसके संपर्क में आते हैं। इसमें फंगस, बैक्टीरिया, वायरस जैसे इन्फ्लूएंजा वायरस, COVID-19, आदि शामिल हैं।

महत्व

कोटिंग का उपयोग पीपीई (पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट) जैसे गाउन, फेस शील्ड, स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों द्वारा उपयोग किए जाने वाले दस्ताने में किया जाना है।

लाभ

प्रौद्योगिकी के माध्यम से विकसित यौगिक प्लास्टिक, वस्त्र, पीवीसी, पॉलीस्टायरीन, पॉलीयुरेथेन जैसे कई सॉल्वैंट्स में घुलनशील है। यह यौगिक के उपयोग को आसान बनाता है। कोटिंग संपर्क के 30 मिनट के भीतर रोगाणुओं को मारता है। रोगाणुओं के झिल्ली को बाधित करने के साथ रोगाणुओं को मार दिया जाता है। यौगिक तैयार करने के लिए अपनाई जाने वाली तकनीक सरल है और इसलिए कम समय लगता है। इसमें आसान शुद्धि प्रक्रियाओं के साथ तीन से चार चरण शामिल हैं।

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