कम्प्यूटर का इतिहास कंप्यूटर का इतिहास 200 साल से अधिक पुराना है। पहली बार गणितज्ञों और उद्यमियों द्वारा सिद्धांतित, 19 वीं शताब्दी के दौरान यांत्रिक गणना मशीनों को तेजी से जटिल संख्या-क्रंचिंग चुनौतियों को हल करने के लिए डिज़ाइन और निर्मित किया गया था। प्रौद्योगिकी की प्रगति ने 20वीं शताब्दी की शुरुआत तक और अधिक जटिल कंप्यूटरों को सक्षम किया, और कंप्यूटर बड़े और अधिक शक्तिशाली हो गए। आज, कंप्यूटर 19वीं सदी के डिजाइनों से लगभग पहचाने नहीं जा सकते, जैसे चार्ल्स बैबेज का एनालिटिकल इंजन – या यहां तक कि 20वीं सदी के विशाल कंप्यूटरों से भी, जो पूरे कमरे पर कब्जा कर लेते थे, जैसे कि इलेक्ट्रॉनिक न्यूमेरिकल इंटीग्रेटर और कैलकुलेटर। यहां कंप्यूटरों का एक संक्षिप्त इतिहास दिया गया है।
कम्प्यूटर का इतिहास
पिछले लगभग चार दशक में कम्प्यूटर ने हमारे समाज के रहन-सहन व काम करने के तरीके को बदल दिया है। कम्प्यूटर हमारे जीवन के हर पहलू में किसी-न-किसी तरह से सम्मिलित है। कम्प्यूटर का विकास निम्नलिखित चरणों में हुआ है।
- अबेकस (Abacus) यह गणना करने वाला सबसे पहला और सबसे सरल यन्त्र था जिसका निर्माण चीनी नागरिकों ने 16वीं शताब्दी में किया था।
- 1617 ई. में स्कॉटलैण्ड के गणितज्ञ जॉन नेपियर ने नेपियर बोन्स (Napier Bones)नामक यन्त्र का निर्माण किया था, जिसकी सहायता से आँकड़ों की गणना करने के क्रिया अत्यन्त शीघ्रतापूर्वक की जा सकती थी तथा गणनात्मक परिणाम को ग्राफिकत संरचना द्वारा भी दर्शाया जा सकता था।
- ब्लेज पास्कल (Blaise Pascal) यह गणनाएँ करने वाला पहला वास्तविक यन्त्र था जिसका आविष्कार 1642 ई. में हुआ था। इसे पास्कल का कैलकुलेटर या पास्कल एडिंग मशीन या पास्कलाइन (Pascaline) भी कहा जाता था।
- चार्ल्स बैबेज (Charles Babbage) इन्हें कम्प्यूटर का जनक कहा जाता है। चाल बैबेज ने 1822 ई. में डिफरेंस इंजन तथा 1837 ई. में एनालिटिकल इंजन का आविष्कार किया। जिनका प्रयोग सभी गणितीय क्रियायें करने में किया जाता था।
- एलन टयूरिंग (Alan Turing) इन्हें आधुनिक कम्प्यूटर का जनक कहा जाता है। 1836 ई. में, इन्होंने एल्गोरिथ्म का सिद्धान्त प्रस्तुत किया जो अनुदेशों के समूह पर कार्य करता था।
- मार्क-1 (Mark-1) यह विश्व का प्रथम पूर्ण स्वचालित विद्युत यान्त्रिक गणना करने वाला यन्त्र था, जिसका आविष्कार वर्ष 1930 में हावर्ड आइकन ने किया था। इसमें संचयन के लिए मैग्नेटिक ड्रम का प्रयोग किया जाता था।
- इलेक्ट्रॉनिक न्यूमेरिकल इण्टेग्रेटर एण्ड कम्प्यूटर (एनिएक-ENIAC) यह बीस एक्यूमुलेटर का एक संयोजन था, यह पहला डिजिटल कम्प्यूटर था जिसका प्रयोग प्राइवेट फर्मों, इंजीनियर्स रिसर्च एसोसिएशन और IBM में किया गया था।
- इलेक्ट्रॉनिक डिले स्टोरेज ऑटोमैटिक कैलकुलेटर (एडसैक-EDSAC) यह पहला प्रोग्राम संगृहीत डिजिटल कम्प्यूटर था जिसका निर्माण मौरिस विल्कस ने वर्ष 1949 में किया था। यह वर्गों के पहाड़ों की भी गणना कर सकता था।
- इलेक्ट्रॉनिक डिस्क्रीट वेरिएबल ऑटोमैटिक कम्प्यूटर (एडवैक-EDVAC) इसका प्रयोग गणना करने के लिए किया जाता है जिसका निर्माण वर्ष 1950 में जॉन वॉन न्यूमैन ने किया था।
- यूनिवर्सल ऑटोमैटिक कम्प्यूटर (यूनिवैक-UNIVAC) यह इनपुट व आउटपुट की समस्याओं को अतिशीघ्र हल करता था जिसका निर्माण वर्ष 1951 में जे. प्रेस्पर एकर्ट और जॉन मौचली ने किया था।
कम्प्यूटर की पीढियाँ
दूसरे विश्व युद्ध के बाद कम्प्यूटरों का विकास बहुत तेजी से हुआ और इनके आकार-प्रकार में बहुत परिवर्तन हुए। आधुनिक कम्प्यूटरों के विकास के इतिहास को तकनीकी विकास के अनुसार कई भागों में बाँटा जाता है, जिन्हें कम्प्यूटरों की पीढ़ियाँ कहा जाता है।
पीढ़ी | वर्ष | स्विचिंग डिवाइस | स्टोरेज | डिवाइस गति | ऑपरेटिंग सिस्टम | भाषा | विशेषताएँ | उपयोग |
प्रथम | 1940-56 | वैक्यूम ट्यूब | मैगनेटिक ड्रम | 333 मिलीसेकंड | बैच ऑपरेटिंग सिस्टम | मशीनी भाषा (बाइनरी नंबर 0’s और 1’s |
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द्वितीय | 1956-63 | ट्राजिस्टर | मैगनेटिक कोर टेक्नोलॉजी | 10 माइक्रोसैकेण्ड | टाइम शेयरिंग | असेम्बली भाषा, उच्चस्तरीय भाषा |
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तृतीय | 1964-71 | इंटीग्रेटेड सर्किट | मैगनेटिक कोर | 100 नैनो सेकंड्स | रियल टाइम / टाइम शेयरिंग | फोरट्रॉन, कोबोल आदि C ++ JAVA SOL |
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चतुर्थ | 1971-वर्तमान | बड़े पैमाने पर इंटीग्रेटेड सर्किट/माइक्रो-प्रॉसेसर | सेमिकंडक्टर मैमोरी विंचेस्टर डिस्क | 10 पिको सेकंड | टाइम शेयरिंग नेटवर्क | फोरट्रॉन 77,पास्कल, ए डी ए , कोबेल-74 LINUX ORACLE |
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पंचम | वर्तमान-आगे तक | सबसे बड़े पैमाने पर इंटीग्रेटेड सर्किट | आप्टिकल डिस्क | ____ | नॉलेज इन्फॉर्मैशन प्रोसेसिंग सिस्टम | आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस | इन्फॉर्मैशन, मैनेजमेन्ट, नेचुरल लैंग्वेज, प्रोसेसिंग स्पीच कैरेक्टर, Image Recognition |
कम्प्यूटर की विशेषताएँ
कम्प्यूटर में निम्नलिखित विशेषताएँ विद्यमान होती है
गति (Speed) कम्प्यूटर में आँकड़ों को तीव्र गति से संसाधित किया जा सकता है। इसकी गति इतनी तीव्र होती है कि कम्प्यूटर एक सेकण्ड में हजारों, लाखों गणनाएँ एक साथ सम्पन्न कर सकता है।
स्वचालन (Automation) कम्प्यूटर एक स्वचालित मशीन है, जो बिना थके पूरी सामर्थ्य के साथ त्रुटिहीन कार्य कर सकती है।
उच्च संग्रह क्षमता (High Storage Capacity) कम्प्यूटर अपनी स्मृति में सूचनाओं का विशाल भण्डार संचित कर सकता है एवं आवश्यकतानुसार संगृहीत सूचनाओं को तीव्रता के साथ पुन: प्राप्त कर उसे संसाधित भी कर सकता है।
शुद्धता (Accuracy) कम्प्यूटर द्वारा प्राप्त सूचनाओं में परिशुद्धता एक विशेष गुण है, जिसके अन्तर्गत किसी संख्या को एक लाख बार गुणा करके भी त्रुटिहीन परिणाम प्राप्त किया जा सकता है।
बहुउद्देशीय (Multipurpose) कम्प्यूटर एक बहुउद्देशीय मशीन है, जिसका प्रयोग शिक्षा, चिकित्सा, औद्योगिक, वैज्ञानिक, खगोलशास्त्र, शोध, खेलकूद, ज्योतिष, साहित्य, प्रकाशन आदि क्षेत्रों में किया जाता है।
विश्वसनीयता (Reliability) कम्प्यूटर की स्मरणशक्ति एवं शुद्धता बहुत ही उच्चकोटि की होती है, जिसके फलस्वरूप कम्प्यूटर से जुड़ी हुई सारी क्रियाएँ विश्वसनीय होती हैं।
कम्प्यूटर की सीमाए
कम्प्यूटर की कुछ सीमाएँ निम्नलिखित हैं
विवेकहीनता (Discretion) कम्प्यूटर विवेकहीन होता है इसलिए यह स्वयं के विवेक के अनुसार निर्णय नहीं ले सकता। यह मनुष्य द्वारा संगृहीत निर्देशों और सॉफ्टवेयर प्रोग्राम के अनुसार ही निर्णय लेकर प्रतिक्रिया करता है।
भावुकता का अभाव (Lack of Emotions) कम्प्यूटर मनुष्य के समान मानवीय गतिविधियों के परिणामस्वरूप भावनाएँ प्रकट नहीं कर सकता। यह ना व्यापार विश्लेषण से प्राप्त लाभ को हर्षित होकर प्रकट करता है, ना ही हानि के निष्कर्ष को शोक के साथ। अत: इसमें भावुकता का अभाव होता है। • ज्ञान में उत्तरोत्तर विकास की अक्षमता (Unable to Gradually Development in Knowledge) मनुष्य का ज्ञान समय के साथ बढ़ता है परन्तु कम्प्यूटर में ऐसा नहीं होता है। यह इसमें उपस्थित इलेक्ट्रॉनिक निर्देशों के के अनुरूप पुजें संचालित करता है।
विद्युत पर निर्भरता (Depends on Electricity) कम्प्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक मशीन है जिस कारण कम्प्यूटर को क्रियाशील करने के लिए विद्युत एक अनिवार्य आवश्यकता है। विद्युत के अभाव में कम्प्यूटर एक डिब्बे के समान होता है। • वायरस से प्रभाव (Effects from Virus) कोई भी वायरस, कम्प्यूटर की कार्यक्षमता को प्रभावित करके उसमें संगृहीत सूचना तथा निर्देशों को नष्ट कर सकता है।
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